hi_tn/isa/06/03.md

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सामान्‍य जानकारी

यशायाह लगातार अपने दर्शन का उल्‍लेख कर रहा है।

और वे एक दूसरे से पुकार-पुकारकर कह रहे थे

“सरापीम एक दूसरे को पुकारते है और कहते है” और “ पंख वाले जीव एक दूसरे को घोषणा कर रहे है”

सेनाओं का यहोवा पवित्र, पवित्र, पवित्र है;

”सब से परे सैनाओं का यहोवा पवित्र है” और “सैनाऔ का यहोवा संम्‍पूरन रूप से पवित्र है”

सारी पृथ्वी उसके तेज से भरपूर है।

“सब कुछ जो धरती पर है परमेश्‍वर की महीमा का सबूत है”