hi_tn/isa/05/20.md

1.3 KiB

जो अंधियारे को उजियाला और उजियाले को अंधियारा ठहराते, और कड़वे को मीठा और मीठे को कड़वा करके मानते हैं

जो लोग ये काम करते हैं, वे वही हैं जो बुराई को अच्छा कहते हैं, और अच्छाई की बुरा कहते हैं।" ये बातें विपरीत है, "वे लोगो के समान है , जो अंधेरे को प्रकाश और प्रकाश को अंधेरे कहते हैं . उन लोगो के समान हैं, जो कड़वी बातो को मीठी और मीठी बातो को कड़वा कहते हैं"।

हाय उन पर जो अपनी दृष्टि में ज्ञानी

“उनको जो अपने आप को बूद्धिमान जताते हैं”

अपने लेखे बुद्धिमान हैं!

“और वह सोचते कि वह सब कुछ समझते है।”