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हाय उन पर जो बड़े तड़के उठकर मदिरा पीने लगते हैं और बड़ी रात तक दाखमधु पीते रहते हैं

यह उन लोगो को बताता है जो सारा दिन कुछ नही करते पर शराब पीते रहते है।

जब तक उनको गर्मी न चढ़ जाए!

“जब तक कि वो दाखमधू से मधहोश ना हो जाऐ”

वीणा, सारंगी, डफ, बाँसुरी और दाखमधु,

यह संगीतक उपकरन और दाखमधू मतलब यह कि लोग इन से आनंद करते है इनको अच्छे से मनाते है।

डफ,

ढोल के जैसे सर वाला एक संगीतक उपकरन जो के हाथ से पीटा जा सकता है इसके चारो तरफ धातू के हिस्‍से लगे है जो आवाज करता है जब बजाने वाला इसको बजाता है। डफ इतना छोटा था कि बजाने वाला पकड़ सकता था और एक हाथ से इसे हिला सकता था

देखते

“गंभीरता से सोचा”

उसके हाथों के काम को

“उसने कया किया” और जो कुछ उसने बनाया था।“

उसके हाथों के काम को

यहा पर उपनाम “हाथ” उस व्‍यकति को बताताम ऐ जिसने कुछ कर दिया है। अत: यहोवा ने कया किया है।