hi_tn/isa/02/07.md

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सामान्‍य जानकारी

यशायाह यहूदा के लोगो से कवीता के रूप में बात कर रहा है।

उनका देश चाँदी और सोने से भरपूर है ...उनका देश घोड़ों से भरपूर है ... उनका देश मूरतों से भरा है;

"उनके पास बहुत चांदी है ... उनके पास कई घोड़े भी हैं ... उनके पास कई मूर्तियाँ भी हैं"।

अपने हाथों की बनाई हुई वस्तुओं जिन्हें उन्होंने अपनी उँगलियों से संवारा है

यह दो वाक्‍यों के अर्थ लगभग एक ही चीज है और इस बात पर जोर देता है कि उह असल में परमेश्‍वर नही है। “चीजे जो उन्‍होने अपने हाथो से बनाई थी।”

अपने हाथों की बनाई हुई वस्तुओं को

"अपने स्वयं के शिल्प कौशल" या "अपने स्वयं के काम" या "चीजें जो उन्होंने अपने हाथों से बनाई हैं"“

जिन्हें उन्होंने अपनी उँगलियों से संवारा है,

"चीजें जो उन्होंने अपनी उंगलियों से बनाई हैं"।