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सामान्‍य जानकारी:

यशायाह यहूदा के लोगो से कवीता के रूप मे बात कर रहा है।

जाति पाप

“इस्राएल के लोगो तुम पापी हो“।

यह समाज अधर्म से कैसा लदा हुआ है!

उनके पाप जो एक भारी थैले कि तरह उनके कन्‍धो पर है जो कि उनके आगे बढने के लिए कठिन है।

इस वंश के लोग कैसे कुकर्मी हैं,

“लोग वही बुराई करते है, जो दूसरो को करते देखतें है।

बिगड़े हुए हैं!

बुरे कर्म करते है।

उन्होंने यहोवा को छोड़ दिया,

वह यहोवा से दूर चले गये है।

तुच्छ जाना है!

आज्ञा का पालन करने से ईनकार करना और सम्‍मान ना देना

इस्राएल

यहूदा इस्राएल का हिस्‍सा था।

वे पराए बनकर दूर हो गए हैं।

हालाकि वो एक समय में दोस्त थे अब वो इस तरह व्‍यवहार करते है जैसे के वह उसे जानते ही नही है।