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सामान्य जानकारी:
यहोवा बोल रहा है।
इस्राएल का गर्व उसी के विरुद्ध साक्षी देता है।
यह "गर्व" का वर्णन एक ऐसे व्यक्ति के रूप में करता है जो अदालत में इस्राएल के लोगों के खिलाफ गवाही देता है। इसका अर्थ यह है कि उनका अभिमानी रवैया और व्यवहार दर्शाता है कि वे अब यहोवा की आज्ञा नहीं मानने के दोषी हैं।
वे अपने परमेश्वर यहोवा की ओर नहीं फिरे।
"और न ही इस्राएल ने यहोवा पर ध्यान देने की कोशिश की है"।
इन सब बातों के रहते हुए भी।
यहां "यह" परमेश्वर को वर्णन करता है जिसने विदेशियों को उन्हें हराने और उन्हें कमजोर बनाने की अनुमति दी।
एप्रैम एक भोली पंडुकी के समान हो गया है जिसके कुछ बुद्धि नहीं।
कबूतरों को मूर्ख पक्षी माना जाता था।
मिस्र......अश्शूर
ये शक्तिशाली राष्ट्र थे जिनसे इस्राएल मदद मांग सकता था।