hi_tn/hab/03/07.md

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सामान्य जानकारी

हबक्कूक ने यहोवा के अपने दृष्टिकोण का वर्णन करना जारी रखा।

मुझे कूशान के तम्बू में रहनेवाले दुःख से दबे दिखाई पड़े...मिद्यान देश के डेरे डगमगा गए

मिद्यान और कूशान के लोग इस तरह कांप और घभरा गये जैसे कि कपड़े का तंबू हवा के चलने से कांपता है।

कूशान

“कुछ लोगो के संगठन का नाम है।”

हे यहोवा, क्या तू नदियों पर रिसियाया था? \q क्या तेरा क्रोध नदियों पर भड़का था, \q अथवा क्या तेरी जलजलाहट समुद्र पर भड़की थी....

यहोवा नदीयों के क्रोधित नहीं था, तुम्‍हारे क्रोध नदीयों के विरुध नहीं था न ही तुम्हारी आग समुद्र के प्रति....विजयी रथों।”

तू अपने घोड़ों पर और उद्धार करनेवाले विजयी रथों पर चढ़कर आ रहा था? \q

जैसे कि सवार घोड़े पर सवार होकर और जैसे कि रथों के सवार युद्ध में, यहोवा इस्राएल के लोगों को बचाने आया है।