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विलाप के दिन।
उसके शोक के दिन" या "उसके लिए रोने के दिन"।
यूसुफ फ़िरौन के घराने के लोगों से कहने लगा।
यहाँ "घराने के लोगों " उन अधिकारियों के लिए है जो फ़िरौन के शाही दरबार का निर्माण करते हैं। "यूसुफ ने फिरौन के अधिकारियों से बात की"
यदि तुम्हारे अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर हो।
यह वाक्य “तुम्हारी दृष्टि“ एक शब्दार्थ है जो यूसुफ के विचारो को और उसकी राय को दर्षाता है, "अगर मैंने आपके साथ अनुग्रह पाया है" या "यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं।"
अनुग्रह की दृष्टि।
यह एक मुहावरा है जिसका अर्थ है कि कोई व्यक्ति किसी और के द्वारा मंजूर है।
यह विनती फ़िरौन को सुनाओ, 5मेरे पिता ने यह कहकर, ‘देख मैं मरने पर हूँ,’ मुझे यह शपथ खिलाई, ‘जो कब्र मैंने अपने लिये कनान देश में खुदवाई है उसी में तू मुझे मिट्टी देगा।’ इसलिए अब मुझे वहाँ जाकर अपने पिता को मिट्टी देने की आज्ञा दे, तत्पश्चात् मैं लौट आऊँगा।”
इसे हम आसान शब्दों में ऐसे लिख सकते है कि कृप्या फिंरोन से कहो की मेरे पिता ने मुझे शपथ खिलाई थी कि मैं उन्के मरने के बाद उन्हे उस कबर में मिटी दु जो उन्होने अपने लिए कनान देश में खुदवाई थी, कृप्या उसे बोलो कि वह मुझे जाने दे कि मे अपने पिता को मिटी देदूं फिर मैं लोट आऊगा।
देख मैं मरने पर हूँ।
देख मैं मर रहा हूँ।
मुझे वहाँ जाने दें।
इस वाक्य का प्रयोग करना आम था कि” मुझे जाने दे”, जब मिस्र से कनान कि यात्रा हो रही हो।
फ़िरौन ने कहा।
इसका मतलब यह है कि फिंरोन के उच अधिकारियों ने फिंरोन से बात की थी और अब फिंरोन यूसुफ को जवाब दे हा है।
अपने पिता की खिलाई हुई शपथ के अनुसार।
वैसे हि जेसे तुने अपने पिता से शपथ खाई थी।