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समान्‍य जानकारी।

याकूब ने यूसुफ और उसके वंशज को आशिर्वाद देना जारी रखा।

उसका धनुष दृढ़ रहा।

उसने अपना धनुष बड़ी मजबुती से पकड़े रखा कि वे अपने दुशमनो को घात करे।

उसका धनुष... उसका हाथ।

यहाँ पर “उसका“ शब्‍द यूसुफ को दर्शाता है जो अपने वंशजो को दर्शा रहा है। अत: उनके धनुष... उनके हाथ।

उसके हाथ फुर्तीले हुए।

इसका अर्थ यह है की उसकी बाहों में इतनी ताकत थी उसने अपने धनुष को स्‍थिर् रखा।

शक्तिमान परमेश्‍वर के हाथा।

यहाँ पर परमेश्‍वर के हाथों की ताकत का जिक्र किया गया है।

चरवाहे के नाम के द्वारा।

यहाँ पर नाम एक पुरे पुरुष को दर्शा रहा है।अत: चरवाहे के कारण।

चरवाहा।

यहाँ पर यकूब यहोवा को चरवाहा कह रहा है क्‍योंकि वह उसको सहीं राह दिखाएगा और उनको बचाएगा भी।

चट्टान।

यहाँ पर याकूब कह रहा है कि यदि यहोवा एक चट्टान हो तो उसके लोग उसपे चड़कर अपने दुशमनो से भच सकते है,वह इस बात पे जोर देता है कि यहोवा उसके लोगो कि रक्षा करेगा।