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यूसुफ उनके पास

यूसुफ साक़ी के और रोटी बनाने वाले के पास गया ।

तो क्या देखता है, कि वे उदास हैं।

वह आश्चर्यचकित था कि वो लोग उदास थे।

फ़िरौन के उन हाकिमों से, जो उसके साथ

यह साक़ी के और रोटी बनाने वाले के बारे में है।

उसके स्वामी के घर के बन्दीगृह में थे,

उसके मालिक का घर बन्दीगृह में है।

“क्या स्वप्नों का फल कहना परमेश्‍वर का काम नहीं है?

परमेश्‍वर है जो सपनों का अर्थ बता सकता है।

मुझे अपना-अपना स्वप्न बताओ।”

यूसुफ ने उसे पूछा उसे अपना स्वप्न बताओ ।