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राहेल तो .... उन्हें न पाया।

यह शब्द राहेल की कहानी को शुरु करता है।

ऊँट की काठी

एक जानवर की पीठ पर काठी रखी जाए ताकि उस पर स्वारी की जाए।

मेरे गुरु

किसी को मेरा गुरु कहना उनके आदर का एक तरीका है।

कि मैं तेरे सामने नहीं उठी

क्योकि मै आपकी उपस्थिति मे खड़ी होने के योग्य नहीं हूँ।

क्योंकि मैं मासिक धर्म से हूँ।

यह उस महीने के समय को दर्शाता है जब एक महिला के गर्भ से खून बहता है।