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तब परमेश्‍वर ने रात के स्वप्न में अरामी लाबान के पास आकर कहा

यह शब्द “अब” का प्रयोग माबान की पुष्टभूमी की जानकारी के लिए किया गया है कि “उस रात को लबन के सपने मे परमेश्‍वर आए“।

सावधान रह, तू याकूब से न तो भला कहना और न बुरा

याकूब को जाने से रोकने की कोशिश न कर।

और लाबान याकूब के पास पहुँच गया। याकूब अपना तम्बू गिलाद नामक पहाड़ी देश में खड़ा किए पड़ा था; और लाबान ने भी अपने भाइयों के साथ अपना तम्बू उसी पहाड़ी देश में खड़ा किया

यह शब्द "अब” याकुब और लाबान की कहानी को दिखाता है।जिस प्रकार गिलाद के पहाड़ से लाबान ने याकूब को पकड़ा।