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आज भी रात को हम उसको दाखमधु पिलाएँ...उठने का ज्ञान न था।

तब तक दाखमधु मिलाना जब तक वो मतवाला न हो जाए

दाखमधु पिलाएँ

तब तक दाखमधु मिलाना जब तक वो मतवाला न हो जाए

कि हम अपने पिता के द्वारा वंश उत्‍पन्‍न करें

ताकि हम बच्चों को पैदा करें जो हमारे पिता के वंशज होंगे।

पर उसको उसके भी सोने और उठने का ज्ञान न था।

उसे इस बात का पता नहीं चला कि वो उसके साथ सोई