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वह नमक का खम्भा बन गई

“उसका शरीर नमक के लंबे पत्थर के समान बन गया“ या “वो नमक की मूर्ती के समान बन गई।“ क्योंकि उसने स्वर्गदूत की आज्ञा का पालण नहीं किया जिसने उसे कहा था कि पीछे मुड़कर मत देखना। इस लिए परमेश्वर ने उसे नमकीन चट्टान की मूर्ती जैसा बना दिया।

देखा

यह शब्द विचित्र जानकारी की ओर ध्यान खींचता है।

भट्ठी का सा धुआँ उठ रहा है

ऐसा धुआँ जो बहुत बड़ी आग से निकलता है।