hi_tn/gen/18/27.md

875 B

कि तुझ से बातें करूँ

मुझे आप के साथ बात करने के लिए क्षमा कीजिए

हे प्रभु

हे मेरे प्रभु

मिट्टी और राख

“मैं तो नाशवान मनुष्य हूँ“ या “मैं तो मिट्टी और राख के समान महत्वहीन हूँ“

पचास धर्मियों में पाँच घट जाएँ

यदि केवल पैंतालीस धर्मी हों

पाँच ही के घटने के कारण

यदि पाँच धर्मी कम हों

तो भी उसका नाश न करूँगा

मैं सदोम को नाश नहीं करूँगा