hi_tn/gen/09/26.md

1.9 KiB

सामान्य जानकारी:

यदि आप कर सकते हैं, तो इन वचनों को प्रारूपित करें क्योंकि वे आपके पाठकों को दिखाने के लिए यहां स्वरूपित हैं कि यह कविता है।

शेम का परमेश्‍वर यहोवा धन्य है।

"शेम के परमेश्‍वर यहोवा की स्‍तुति करो ''या'' शेम के परमेश्‍वर यहोवा स्‍तुति के योग्‍य है। ''या'' मैं शेम के परमेश्‍वर की स्‍तुति करता हूँ।

और कनान शेम का दास हो।

और कनान को शेम का सेवक होने दो। ‘इसमे कनान और शेम के वशज शामिल है।

परमेश्‍वर येपेत के वंश को फैलाए।

संभावित अर्थ हैं। 1) परमेश्‍वर जापिथ के तम्‍बूओ को बड़ा बना सकता है। 2)परमेश्‍वर कई कारणो से जापिथ को पैदा कर सकता है।

और वह शेम के तम्बूओं में बसे।

और उसे शेम के साथ शांति से जाने दें।" इसमें जआपिथ और शेम के वंशज शामिल हैं।

और कनान उसका दास हो।।

कनान जापिथ का सेवक हो।" इसमें कनान और जापिथ के वंशज शामिल हैं।