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तू क्यों क्रोधित हुआ? और तेरे मुँह पर उदासी क्यों छा गई है?
यहोवा ने कैन से कहा तुम्हारा क्रोधित और उदास होना ठीक नहीं है, कैन तू मान ले की यह गलत था।
यदि तू भला करे, तो क्या तेरी भेंट ग्रहण न की जाएगी?
तुम जानते हो कि यदि तुम इसको सही रीति से करते हो तो मैं इसे ग्रहण कर लूँगा
और यदि तू भला न करे... तुझे उस पर प्रभुता करनी है।
यहोवा ने पाप के बारे में ऐसे बात की जैसे वो एक मनुष्य हो यदि तू भला न करे, तो तुमहे पाप की इच्छा और अधिक होगी। तुमे इसकी आज्ञाकारिता करनी बन्द करनी होगी
पाप द्वार पर छिपा रहता है, और उसकी लालसा तेरी ओर होगी,
“तुम इतने क्रोधित हो जायोगे कि तुम पाप को रोक नहीं पाओगे”
पाप
पाप की इच्छा या “वह बुरी चीजें जो तुम करना चाहते हो“
तुझे उस पर प्रभुता करनी है।
तुझे इस पर नियंत्रण रखना है ताकि तुम पाप न करो