hi_tn/gen/03/14.md

2.5 KiB

अधिक श्रापित है

”तुम अकेले श्रापित हो”। इब्रानी भाषा में यहाँ श्राप परमेश्‍वर की जानवरों पर आशिष और सांप पर श्राप के विपरीत होने पर ज़ोर देता है। श्राप कह कर, परमेश्‍वर ने ऐसा किया।

सब घरेलू पशुओं, और सब जंगली पशुओं से

सारे जंगली जानवर और पालतू जानवर।

तू पेट के बल चला करेगा

परमेश्‍वर ने साँप को श्राप दिया तुम मिट्टी में रहोगे । पेट के बल ही चला करोगे यह बाकी सब जानवरों के टागों पर चलने के विपरीत था। पर तु मिट्टी चाटेगा और मिट्टी ही तेरा घर होगा । यह श्राप का हिस्सा था।

मिट्टी चाटता रहेगा

“तू मिट्टी खाएगा”। अर्थात वो ज़मीन का गन्दा खाना खाएगा। यह भी श्राप का ही हिस्सा था।

तेरे और इस स्त्री के बीच में...बैर उत्‍पन्‍न करूँगा

इसका मतलब यह है कि महिला और सांप दुश्‍मन बन जाएँगे।

बीज

“बीज” शब्द काअर्थ है ‘संतान‘ यह उस बीज को दर्शाता है जिस से औरत बच्चे को जन्म देती है जो कि पुरुष के द्वारा औरत में डाला जाता है। जैसे कि वंश का मतलब एक या उस से अधिक जन भी हो सकता है।

वह तेरे सिर को कुचल डालेगा, ........उसकी एड़ी

यहाँ पर “वह“ और “उसकी“ औरत की संतान को दर्शाता है।

कुचलना

“हमला करना“ या “मारना”