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अब

लेखक कहानी के नये हिस्से को शुरू करता है।

सब में धूर्त था

“बहुत चालाक”, वह जो चाहता था वो उसे झूठ बोलकर ले लेता था।

क्या सच है, कि परमेश्‍वर ने कहा, ‘तुम इस वाटिका

“मैं हैरान हूँ कि परमेश्‍वर ने यह कहा, ‘तुम… बाग”।

तुम... फल न खाना’

यह “तुम” शब्द बहुवचन है और ये मनुष्य और स्त्री को दर्शाता है।

हम खा सकते हैं... परमेश्‍वर ने कहा, ‘तुम फल न खाना

हव्वा ने साँप को यह बताया कि पहले परमेश्‍वर ने उन्हें क्या करने की अनुमति दी और फिर उन्होनें उन्हें क्या नहीं करने के लिए कहा।

हम खा सकते हैं

“हमें यह खाने की अनुमति दी“।

न तुम उसको ...और न ही उसको …..तुम मर जओगे

यह “तुम” शब्द पुरुष और स्त्री को दर्शाता है।

तुम उसको ना खाना

“तुम इसे मत खाना”।

न ही उसको छूना,

“तुम इसे स्पर्ष न करना”।