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सामान्य जानकारी:

उत्पत्ति 2 में लोगों को बताते है कि कैसे परमेश्‍वर ने छठे दिन लोगों को बनाया।

आकाश और पृथ्वी की उत्पत्ति का वृत्तान्त यह है

यह आकाश और पृथ्वी का विस्तार करता है।

को बनाया

यहोवा ने उन्हे बनाया अध्याय 1 मे लेखक परमेश्‍वर को बोलता है लेकिन अध्याय 2 मे वह परमेश्‍वर से कहता है।

जिस दिन यहोवा परमेश्‍वर ने पृथ्वी और आकाश को बनाया

यहोवा परमेशवर ने दिन क निमार्ण किया ना कि एक विशेष दिन का।

यहोवा

यह नाम परमेश्‍वर ने पुराने नियम के लोगो पर प्रक्ट किया।

तब मैदान का कोई पौधा भूमि पर न था,

तब कोई जंगली झाडिया नही थी जो जानवर खा सके।

भूमि पर खेती करने के लिये मनुष्य भी नहीं था

तब कोई सब्जियों या कोई पतेदार पौधा नही था जो मनुष्ये खा सकते।

खेती करने के लिये

वह सब करने कि जरूरत थी ताकी पौधो की वृध्दि अच्छे से हो सके।

कुहरा

(1)घास पर पानी की बूंदे ,2)भूमि के नीचे से निकलने वाली पानी की धारा।

सारी भूमि सिंच जाती थी

पृथ्वी के नीचे।