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सामान्य जानकारी:
परमेश्वर बोलना जारी रखता है।
आकाश के सभी पक्षी,
आकाश में उड़ने वाले सभी पक्षी
जिनमें जीवन का प्राण हैं,
इन जीवों में पौधों से अलग तरह का जीवन था।पौधे जीवों के समान साँस नहीं लेते तथा जीव पौधों को खाने के रुप में प्रयोग करते हैं अर्थात् ऐसा जीवन जो शारिरिक रुप में ही संभव है।
वैसा ही हो गया
“उसी तरह हो गया“।परमेश्वर ने जो आदेश दिया उसी तरह हो गया।यह वाक्य इस अध्याय में बार-बार आता है और हर स्थान पर इसका अर्थ एक समान है।
तो क्या देखा
परमेश्वर ने अपनी सृष्टि की रचना करने के बाद देखा
वह बहुत ही अच्छा है
परमेश्वर ने अपनी सृष्टि की रचना करने के बाद देखा कि सब बहुत ही अच्छा है और खुश हुऐ।
सांझ हुई फिर भोर हुआ
यह पूरे दिन को दर्शाता है।लेखक ने इसे पूरा दिन कहा जबकि यह दो हिस्से हैं।यहूदियों की रीति के अनुसार,सूरज के छिपते ही अगला दिन शुरु हो जाता है
छठवाँ दिन
यह सृष्टि का छठवाँ दिन था।