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“हम बनाएँ

यहाँ पर “हम“ शब्द बहुवचन को दर्शाता है। इसके कुछ संभव कारण ये हो सकते हैं 1) परमेश्‍वर स्वर्ग में रहने वाले स्वर्गदूतों से बातचीत कर रहा था। २) या नये नियम के अनुसार परमेश्‍वर त्रिएकत्व (पिता,पुत्र,पवित्र आत्मा) के रुप में बात कर रहे हैं।

मनुष्य

"मानव जाति" या “लोग”

अपने स्वरूप के अनुसार, अपनी समानता में

इन दो वाक्यों का एक ही मतलब है। यह पद हमें ये नहीं बताता कि परमेश्‍वर ने मानव को किस रीति में अपने जैसा बनाया। यहाँ इसका यह अर्थ नहीं है कि जैसे परमेश्‍वर खुद हैं वैसा, क्योंकि परमेश्वर का कोई शरीर नहीं होता

अधिकार रखें।

“शासन करें” या “उन पर अधिकार रखें”

परमेश्‍वर ने मनुष्‍य को रचा..मनुष्य की रचना की।

यह दोनो वाक्य एक ही बात दर्शाते हैं कि परमेश्वर ने मानव को अपने जैसा बनाया।

परमेश्‍वर ने मनुष्‍य की रचना की

परमेश्‍वर ने मनुष्य की रचना दूसरी सब चीजों को बनाने के समान नहीं की। परमेश्‍वर ने जैसे सारी सृष्टि की रचना बोलकर की थी,वैसे मानव की रचना नहीं की,