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परमेश्वर ने दो बड़ी ज्योतियाँ बनाईं
इस तरह परमेश्वर ने दो बड़ी ज्योतियाँ बनाईं जो ये दर्शाता है कि जब परमेश्वर ने कहा उसने किया।
दो बड़ी ज्योतियाँ
दो बड़ी रोशनियाँ सूरज और चाँद को दर्शाती हैं।
दिन पर प्रभुता करने के लिये
दिन का निर्देश करने के लिए जैसे कोई हाकिम लोगों के एक समूह के साथ करता है।
दिन
यह केवल दिन की रोशनी का समय को दर्शाता है।
छोटी ज्योति या कम चमकने वाली ज्योति
कम चमकने वाली रोशनी
आकाश में
आकाश के अंतरिक्ष में
उजियाले को अंधियारे से अलग करें
एक समय को प्रकाशमय और दूसरे को अंधियारा बनाकर
परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है।
यहाँ परमेश्वर सूरज ,चाँद और तारे देखकर खुश हुआ।
सांझ हुई फिर भोर हुआ
यह पूरे दिन को दर्शाता है।लेखक ने पूरे दिन को ऐसे बताया जैसे इसके दो हिस्से हों।यहूदियों की रीति के अनुसार,सूरज के छिपते ही अगला दिन शुरु हो जाता है।
चौथा दिन
यह सृष्टि का चौथा दिन था।