hi_tn/gen/01/14.md

3.1 KiB

आकाश में ज्योतियों हों;

आकाश में रोशनियाँ चमके और वैसा ही हो गया।यह परमेश्वर के आदेश से हुआ।

आकाश के अन्तर में ज्योतियों हों

ऐसी चीजें जो आकाश में रोशनी में चमकती हैं।यहाँ ज्योतियाँ सूरज,चाँद और तारों को दर्शाती हैं।

आकाश में

आकाश की बहुत बड़ी खाली जगह में।

दिन को रात से अलग करने के लिये

दिन को रात से अलग करने के लिए। जब सूरज हो तो मतलब ये दिन है और चाँद तारों का मतलब रात

चिन्हों

यहाँ इसका अर्थ उन बातों से है जो किसी बात को दर्शाती हैं

यहाँ इसका अर्थ उन समयों से है जो पर्व मनाने के लिए और लोगों के बाकी कामों के लिए अलग लिए हैं

अर्थात जो किसी बात की तरफ संकेत(इशारा) करता है।

समयों

ऐसे समय जो लोगों ने त्योहारों और अन्य कामों के लिए अलग किए हैं।

समयों,और दिनों, और वर्षों के लिए

सूरज,चाँद और तारे समय के बीतने को दिखाते हैं। इस से हमें पता चलता है कि दिनों, महीनों और वर्षों में आने वाले वृत्तांत कब होंगे।

वे ज्योतियाँ आकाश के अन्तर में पृथ्वी पर प्रकाश देनेवाली ठहरें

परमेश्वर ने आदेश दिया कि ये रोशनियाँ धरती पर चमकें और वैसा ही हो गया।यह परमेश्वर के आदेश से हुआ।

पृथ्वी पर प्रकाश देनेवाली ठहरें,

ताकि धरती पर रोशनी चमके क्योंकि धरती की अपनी रोशनी नहीं होती परन्तु वह

वैसा ही हो गया

“उसी तरह हो गया“।परमेश्वर ने जो आदेश दिया उसी तरह हो गया।यह वाक्य इस अध्याय में बार-बार आता है और हर स्थान पर इसका अर्थ एक समान है।