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उजियाला हो

परमेश्वर ने आदेश दिया रोशनी हो जाए और रोशनी हो गई

परमेश्‍वर ने उजियाले को देखा कि अच्छा है

परमेश्वर रोशनी को देखकर खुश हुए और उसे अच्छा कहा, यहाँ अच्छे का अर्थ उचित और मनभावन है

उजियाले को अंधियारे से अलग किया।

परमेश्वर ने रोशनी को दिन और अंधेरे को रात कहकर अलग किया।

सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार पहला दिन हो गया

परमेश्‍वर ने ये काम ब्रम्हांड के अस्तित्व के पहले दिन किये

सांझ हुई फिर भोर हुआ

यह पूरे दिन को दर्शाता है।लेखक ने पूरे दिन को ऐसे बताया जैसे इसके दो हिस्से हों।यहूदियों की रीति के अनुसार,सूरज के छिपते ही अगला दिन शुरु हो जाता है।