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विरोध में

“विरोधी है” या “स्पर्धा प्रतिवादी है”

यदि ऐसी व्यवस्था दी जाती जो जीवन दे सकती तो सचमुच धार्मिकता व्यवस्था से होती

“यदि परमेश्वर प्रदत्त विधान उसके पालकों को जीवनक्षक बनाता तो हम विधान पालन द्वारा ही धर्मी ठहरते”।

परन्तु धर्मशास्त्र ने सबके पापों को अधीन कर दिया, तो वह प्रतिज्ञा जिसका आधार यीशु मसीह पर विश्वास करना है विश्वास करने वालों के लिए पूरी हो जाए।

इसका अर्थ यह भी हो सकता है, क्योंकि हम पाप करते हैं, परमेश्वर ने सब बातें विधान के अधीन ऐसा कर दिया है जैसे कारागार में जिससे कि मसीह यीशु में विश्वास करने वालों से की गई प्रतिज्ञा परमेश्वर विश्वासियों को दे”। या “क्योंकि हम पाप करते हैं, परमेश्वर ने सब बातें विधान के अधीन बन्दी बना दी हैं। उसने ऐसा इसलिए किया कि उसने मसीह यीशु में विश्वास करने वालों से जो प्रतिज्ञा की है, उन्हें उनके लिए पूरी करे”।

धर्मशास्त्र

धर्मशास्त्र का कर्ता परमेश्वर