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होबायाह...हक्कोस...बर्जिल्लै

पुरुषों के नाम।

अपनी-अपनी वंशावली का पत्र।

पोथियों जिन्‍में बताया गया कि उनके पूर्वज कौन थे।

परन्तु वे न मिले।

"याजकों की पोथियों में उनका नाम नहीं मिला"

इसलिए वे अशुद्ध ठहराकर याजकपद से निकाले गए।

"अन्य याजकों ने उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जैसे वे अशुद्ध थे, उन्हें याजक के रूप में काम करने की अनुमति नहीं दी"

अशुद्ध।

पुजारी बनने के लायक नहीं।

ऊरीम और तुम्मीम।

पासा जैसी दो वस्तुएं जिस्‍से याजक तय करते थे कि परमेश्‍वर उन्हें क्या कहना चाहते हैं