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# करूब
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वे चार जीवधारी है जो मनुष्यों के जैसे लगते थे।लेकिन उनमें से हर एक के चार अलग मुख और चार पंख थे। हर एक के एक मुख आगे एक पिच्छे और एक उनके मुखो के दोनो तरफ थे।
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# जीवधारी।
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वे चार जीवधारी है जो मनुष्यों के जैसे लगते थे।लेकिन उनमें से हर एक के चार अलग मुख और चार पंख थे। हर एक के एक मुख आगे एक पिच्छे और एक उनके मुखो के दोनो तरफ थे।
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# कबार नदी।
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यह वह नदी है जिसको कसदिया के लोगो ने अपने बगीचों को पानी देने के लिए खोदा था।
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# उठाते।
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हवा में ऊपर चला गया।
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# पहिये उनके पास से नहीं मुड़ते थे।
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“पहिए करूब के साथ रहे“। “पहिए करूबों के साथ ही चलते थे“।
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# खड़े होते थे।
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रुके हुए "या" ना हिलना।
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# क्योंकि जीवधारियों की आत्मा इनमें भी रहती थी।
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जीवधारियों की आत्मा ने पहियों को अपने नियंत्रित में किया था।
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