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सामान्‍य जानकारी।

यहेजकेल ने जीवधारीयों के अपने दर्षण का वर्णन करना जा़री रखा।

उनके चलते समय उनके पंखों की फड़फड़ाहट की आहट मुझे बहुत से जल, या सर्वशक्तिमान की वाणी, सी सुनाई पड़ती थी।

अन्य संभावित अर्थ यह हैं कि शब्द "जब भी वे चलते हैं मैंने उनके चलने की ऐसी ध्वनि सुनी जैसे पानी बहने के शोर या सर्वशक्तिमान की आवाज हो। अत: जब भी वे चलते थे ऐसी आवाजें सुनाई पड़ती थी

बहुत से जल सी, चलते समय, सेना के हलचल की सी

ये वाक्य पूरे नहीं हैं क्योंकि यहेजकेल दिखा रहा था कि उसने जो देखा उससे वह उत्साहित था।

बहुत सा जल।

इसका अर्थ बहुत सा जल हो सकता है, या शोर करने वाली नदी, सागर की लहरों की ध्वनि

सर्वशक्तिमान की वाणी सी सुनाई पड़ती थी।

यह सर्वशक्तिमान की बिजली की तरह

बहुत से जल सी सुनाई पड़ती थी।

यह आवाज बहुत ऊँची थी जैसे बहुत से लोगों की भीड़ हो

जब वे खड़े होते थे।

जब भी जीवधारी चलना बन्द करते थे

वे अपने पंख लटका लेते थे।

वो ये तब करते थे जब वे उड़ना बन्द कर देते थे

फिर आकाशमण्डल के ऊपर से एक शब्द सुनाई पड़ता था

बोलने वाला आकाशमण्डल के ऊपर था, पद १ से पता चलता है कि ये यहोवा की आवाज थी

उनके सिरों के ऊपर जो आकाशमण्डल था

आकाशमण्डल जो जीवधारीयों के सिरों के ऊपर था

आकाशमण्डल

जैसे 1:22 में है