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तब मूसा हारून से कहने लगा, “उन लोगों ने तुझ से क्या किया… इतने बड़े पाप में फँसाया?”
यह स्पष्ट रुप मे कहा जा सकता है कि “फिर मूसा ने हारून से पूछा कि लोग उसके साथ क्या करते हैं, कि उसने उन पर इतना बड़ा पाप लाया है“।
तूने उनको इतने बड़े पाप में फँसाया
मूसा ने लोगों को पाप करने के लिए ऐसा कहा मानो पाप एक वस्तु हो और हारून ने उन पर डाल दिया हो जैसे “ तुम उनके पाप करने का बहुत बड़ा कारण हो”।
कोप न भड़के;
हारून मूसा के क्रोध की बात करता है कि जैसे कि यह एक आग हो।”इतना गुस्सा मत करो”।
वे बुराई में मन लगाए रहते हैं
किसी भी रुप मे बुराई को निर्धारित किया जाने की बात की जा रही है।
उस पुरुष मूसा
लोगों ने अपने नाम से पहले "इस“शब्द को रखकर अनादर दिखाया, जैसे कि मूसा किसी को नहीं जानते थे और विश्वास नहीं कर सकते थे।
तब मैंने उनसे कहा, ‘जिस-जिस के पास सोने के गहने हों, वे उनको तोड़कर उतार लाएँ;’
स्पष्ट रुप मे कहा जा सकता है कि "तो मैंने उनसे कहा कि जो कोई भी किसी भी सोने की चीज को मुझे दे देनी चाहिऐ”।
मैंने उन्हें आग में डाल दिया, तब यह बछड़ा निकल पड़ा।”
बछड़े को बनाने के लिए मालिकाना हक लेने के बजाय हारून का दावा है कि बछड़ा अलौकिक रूप से आग से बाहर आऐगा।