इसका यह अर्थ है कि जो कोई जितनी भेंट देना चाहे वह अपनी इच्छा अनुसार दे सकता है।
यहाँ पे तुम शब्द मूसा और इस्राएल के पर्धानों को दर्षा रहा है।