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उन दोनों के बीच यहोवा की शपथ खिलाई जाए।

इसका यह अर्थ है कि जिस व्‍यक्‍ति को पशुओं को पालने या देख-भाल करने के लिए दिया जाता था अगर उससे वह मर जाए, या चोट खाए, या हाँक दिया जाए, तो वह यहोवा के आगे शपथ खाता था और मालिक को उसकी शपथ को ग्रहन करना पड़ता था।

यदि वह उसके यहाँ से चुराया गया हो।

यदि कोई उनसे उनके जानवर चुरा ले तो।

यदि वह जानवर फाड़ डाला गया हो।

यदि कोई जंगली जानवर उन्‍हे फाड़ खाए।

तब उसे फाड़े हुए को भी भर देना न पड़ेगा।

उसे वह उस जानवर के लिए जुर्माना नहीं बड़ना पड़ता था जिसे वह जंगली जानवर खा लेते थे।