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मूसा
मूसा एक भविषवकता और इस्राएली लोगो का चालीस वर्ष तक आगुवाय था। जब मूसा एक न्नहा बच्चा था तो उसके माता पिता ने उसे टोकरी मे डाल कर नील नदी मे बहा दिया ताकि वह फ़िरौन से बच सके।लेकिन फ़िरौनकी बेटी ने उसे बाहर निकाला और गोद लेकर आपना बेटा बना लिया। परमेश्वर ने मूसा को चूना कि वह इस्राएली लोगो को मिस्र की गुलामी से छुड़ाकर वायदे की भूमि मे ले जाऐ। इस्रएलीयो के मिस्र के छुटकारे से बाद जब वह जंगल मे भटक रहे थे। तब परमेश्र ने मूसा को दस आज्ञाये पत्थर की पख्तियो पर लिख कर दी। उसके जीवन के अंतिम दिनो में मूसा ने वायदे की भूमि को देखा मगर वहा जा ना पाया कयोंकि उसने परमेश्वर की आज्ञा को भंग किया था।
परमेश्वर
बाइबल मे “परमेश्वर“ शब्द उस परमेश्वर को दर्शता है।जिसने पुरी स्रष्टि की रचना शुन्या से की परमेश्वर एक पिता,पुत्र और पवित्र आत्मा के अस्तित्व से जाना जाता है।परमेश्वर का नाम “यहोवा” है। परमेश्वर अंन्त काल से है इस से पहले कि कुछ अस्तित्व मे था और हमेशा रहेगा। वह एक सच्चा परमेश्वर है और पूरी स्रष्टि उसके अधिकार में है। परमेश्वर संपूर्र्णता से धर्मी,असीम,बुद्धिमान,पवित्र,निष्पक्ष,दयावान और प्रेमी। वह बादशाहो को बाधने वाला और वायदों को पूरा करने वाला परमेश्वर है। सारे संसार के लोग परमेश्वर की उपासना करने के लिऐ रचे गऐ है और यहोवा उन्हें केवल यहोवा कि ही आराधना करनी चाहिऐ। परमेश्वर ने आपना नाम “यहोवा“ करके प्रक्ट किया।जिसका अर्थ यह है कि “वो है” या “मै हूँ“ "जो अन्ंत काल तक है।
विधि
यह वह कानून या आदेश है जो लोगो के प्रतिदिन जीवन के लिऐ है। इन विधिओ मे आदेश और हुकम है जो परमेश्वर ने आपने लोगो को दिऐ कि वह परमेश्वर के समुख निक्षपाक रह सके।
मूसा की व्यवस्था,यहोवा की व्यवस्था
यह शब्दावली उन आज्ञायो और विधिओ को दर्शाती है जो परमेश्वर ने मूसा को इस लिऐ दिऐ कि इस्राएली उन की पालना करे। अधिकतर व्यवस्था और परमेश्वर की व्यवस्था का बाइबल मे प्रयोग उन सभी बातो को दर्शाता है जो परमेश्वर चाहते है कि उनके लोग उन बातो की पालना करे। व्यवस्था का प्रयोग इन प्रस्थित्यो मे होता है जैसे कि: दस आज्ञाये, जो परमेश्वर ने मूसा को पत्थर की तख्तियो पर लिख कर दी। वह सब विधिया जो परमेश्वर ने मूसा को दी जो कि पुराने नियम की पहली पाँच किताबो मे पाई जाती है। सारा पूराना और नया नियम भी परमेश्वर कि व्यवस्था है।