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588 B

पुरवाई चलाई

एक हवा पूर्व से निकलती है और पश्चिम की ओर बहती है।

पुरवाई

जहां से सूरज निकलता है।

भाग करके जल

स्‍पष्‍ट रुप मे कहा जा सकता है कि “यहोवा ने पानी को अलग-अलग कर दिया”।

दाहिनी और बाईं ओर

“उनमें से प्रत्येक पक्ष पर“।