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यहोवा
यहोवा परमेश्वर का निजी नाम है जो परमेश्वर ने मूसा को उस जलती हुई झाड़ी मे से बताया था। यह नाम, यह प्रकट करता है कि परमेश्वर था, परमेश्वर है और परमेश्वर अनंत काल तक रहेगा।
मूसा
मूसा एक भविष्यवक्ता और इस्राईली लोगो का चालिस वर्ष तक अगुआ था। जब मूसा एक न्नहा बच्चा था तो उसके माता पिता ने उसे टोकरी मे डाल कर नील नदी मे बहा दिया ताकि वे फ़िरोन से बच सके। लेकिन फ़िरोन की बेटी ने जब मूसा को नदी मे पाया उसे बाहर निकाला और गोद लेकर अपना बेटा बना लिया। परमेश्वर ने मूसा को चुना वे ईस्राईली लोगो को मिस्र की गुलामी से छुड़ाकर वायदे की भूमि मे ले जाए। ईस्राईलियो के मिस्र से छुटकारे के बाद जब वह जंगल मे भटक रहे थे।तब परमॆश्वर ने मूसा को दस आज्ञाए पत्थर की पख्तियो पर लिख कर दी। उसके जीवन के अंतिम दिनो मे मूसा ने वायदे की भूमि को देखा मगर वहा जा ना पाया क्योकि उसने परमेश्वर कि आज्ञा को भंग किया था।
आकाश
यह सवर्ग को दर्शाता है जहाँ परमेश्वर रहता है। इसका अर्थ है “आकाश“। “आकश” को हम पृथवी से ऊपर देखने को दर्शाता है।इसमे सुर्य, चमद्रमाँ, और सितारे और सवर्गी लोग भी शामिल है। जैसे कि दूर-दूर के ग्रह जिन्हे हम पृथवी से नही देख सकते। आकाश मे नीले बादलो की वजह से पृथवी साँस लेती है। सूर्य ओर चंद्रमाँ आकाश से भी उपर है।
मिस्र, मिस्री
मिस्र अफ्रीका के उत्तर पुव्र भाग मे एक देश है, और दक्षिण-पश्चिम मे कनान देश है। मिस्र मे रहने वालो को म्रिसी कहते है। प्राचीन कअल मे मिस्र एक शक्तिशाली और धनवान देश था। बहुत बार हब कनान देश मे अकाल पड़ता था तो वे मिस्र देश मे भोजन खरीदने जाते थे। बहुत वर्षो तक ईस्राएली मिस्र मे गुलाम रहे। यीशु के पेदा होने के बाद “न्नहे यीशु“ को हैरोद से बचानॆ के लिए युसफ और मरियम, यीशु को मिस्र मे ले गए।
लाठी
यह एक लकड़ी का लम्बा डंड़ा होता है जो कि पैदल चलने के काम आता है।
राष्ट्र
एक राष्ट्र किसी प्रकार की सरकार द्वारा शासित लोगों का एक बड़ा समूह है। एक राष्ट्र के लोगों को अक्सर एक ही पूर्वजों है और एक आम जातीयता का हिस्सा है।