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यदि राजा को स्वीकार हो

“यदि मैं राजा की खुशी के लिऐ कुछ पूछूँ”

यदि राजा को स्वीकार हो और वह मुझसे प्रसन्‍न ह

“यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं“

यह बात उसको ठीक जान पड़े,

“यदि जो बात मैं पूछती हूं वह राजा को सही लगे।“

मैं भी उसको अच्छी लगती हूँ,

“ यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं।“

पलटने

“आधिकारिक रूप से रद्द करें।“

हम्मदाता

यह एक पुरुष का नाम है

प्रान्त

एक प्रांत एक बड़ा क्षेत्र है जिसमें अधिकारिक उद्देश्यों के लिए कुछ देशों को विभाजित किया जाता है।

क्योंकि मैं अपने जाति के लोगों पर पड़नेवाली उस विपत्ति को किस रीति से देख सकूँगी? और मैं अपने भाइयों के विनाश को कैसे देख सकूँगी?”

एस्तेर ने इन प्र्श्‍न का इस्तेमाल यह दिखाने के लिए किया कि अगर वह लोगों को नष्ट कर दिया जाता तो वह बेहद दुखी होती। और कहती है कि “मैं यहूदियों पर नाश को सहन नहीं कर सकती मैं अपने रिश्तेदारों को मरते हुए नहीं देख सकती।“