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उससे प्रसन्‍न होकर

इस वाक्‍य में कहा जा सकता है कि राजा एस्तेर रानी के साथ खुश था।

सोने का राजदण्ड जो उसके हाथ में था उसकी ओर बढ़ाया।

एस्तेर ने यह दिखाने के लिए ऐसा किया कि राजा उससे प्रसन्न था।

राजदण्ड की नोक छुई।

एस्तेर ने शायद यह दिखाने के लिए ऐसा किया था कि एस्तेर रानी अपने अधिकार का सम्मान करती है और उसके प्रति उसकी दया के लिए आभारी है।