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जब कुँवारियाँ दूसरी बार इकट्ठी की गई
यह स्पष्ट नहीं है कि यह दूसरी सभा कब हुई और क्यों हुई।
दूसरी बार
“एक और बार”।
जब मोर्दकै राजा के राजभवन के फाटक में बैठा करता था
इस वाक्य का अर्थ है कि मोर्दकै फाटक में बैठा था इसलिए मोर्दकै यह सुन सकता था कि एस्तेर ने जाति और कुल का पता नहीं दिया जो फाटक से गुजरते थे।
राजा के राजभवन
राजा के महल का द्वार।
क्योंकि मोर्दकै ने उसको ऐसी आज्ञा दी थी।
मोर्दकै ने एस्तेर से कहा कि वह अपने जाति और कुल के बारे में किसी को न बताए।
उन्हीं दिनों में।
यह कहानी में एक नई घटना का परिचय देता है।
बिगताना और तेरेश
यह पुरुषों के नाम हैं।