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इसलिए ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो

“अतः तुम मूर्ख की अपेक्षा बुद्धिमान मनुष्य का सा जीवन जीओ”। मनुष्य पाप से बच तो नहीं सकता परन्तु बुद्धिमान मनुष्य पाप को पहचान कर उससे दूर भाग सकता है।

अवसर को बहुमूल्य समझो

“समय का सुबुद्धि उपयोग करो”। हम पाप में जीवन जीने का चुनाव कर सकते है। जो समय का निर्बुद्धि पूर्ण उपयोग है। या हम वैसा जीवन जी सकते है जैसा प्रभु हमसे चाहता है तो हम अपना जीवन सुबुद्धि का उपयोग करते हैं

क्योंकि दिन बुरे हैं

“दिन” अर्थात समय जिसमें वे वास कर रहे थे