forked from WA-Catalog/hi_tn
2.1 KiB
2.1 KiB
अपने अपराधों एवं पापों के कारण मरे हुए थे।
इससे समझ में आता है कि पापी मनुष्य कैसे परमेश्वर की आज्ञा मानने में असमर्थ थे, जैसे कोई मृतक मनुष्य शारीरिक प्रतिक्रिया नहीं दिखाते हैं।
अपने अपराधों और पापों के कारण
इस उक्ति से प्रकट होता है मनुष्य परमेश्वर के विधान की अवज्ञा में कैसे धृष्ट थे।
जिनमें तुम बहके चलते थे
“तुम चाहे इसी में जी रहे थे” यह मनुष्यों की जीवन शैली का वर्णन है।
इस संसार की रीति पर
पौलुस “संसार” शब्द द्वारा इस संसार के मनुष्यों के स्वार्थी स्वभाव और भ्रष्ट मान्यताओं का संदर्भ देता है। वैकल्पिक अनुवाद: “संसार के मनुष्यों की सदाचार की मान्यताओं के अनुसार” या “इस संसार के सिद्धान्तों के अनुसार”
आकाश के अधिकार के हाकिम
अर्थात शैतान
उसकी आत्मा
अर्थात शैतान की आत्मा
अपने शरीर की लालसाओं.... और शरीर और मन की इच्छाएं पूरी करते थे
ये दो शब्द “शरीर” और “मन” संपूर्ण देह के लिए लाक्षणिक उपयोग है।