hi_tn/ecc/12/08.md

519 B

सब व्यर्थ ही व्यर्थ; सब कुछ व्यर्थ है।

सब कुछ केवल थोड़े समय तक रहता है, जैसे कि भाप गायब हो जाती है।

ध्यान लगाकर और जाँच-परख करके

बहुत सोचा और व्यवस्थित किया "या" उसके बारे में बहुत सोचा और नीचे लिखा।