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853 B

दरिद्र की बुद्धि तुच्छ समझी जाती है।

जब से वह गरीब पुरुष था इसलिए लोग उस पुरुष की बुद्धि की कदर नहीं करते थे, न ही उसकी बुद्धि की प्रशंसा करते थे। अर्थात् “लोग गरीब पुरुष की बुद्धि को तुच्छ समझते हैं।“

उसका वचन कोई नहीं सुनता।

उन लोगों ने उसे सुनना बंद कर दिया अर्थात् वह जो कहते हैं उसे नहीं सुनते या वे उसकी सलाह नहीं लेते हैं