hi_tn/ecc/08/12.md

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सौ बार

"100 बार"

मुझे निश्चय है कि जो परमेश्‍वर से डरते हैं।

"प्रमेशवर का सम्मान करने वालों का जीवन अच्छा होगा"

जो परमेश्‍वर से डरते हैं और उसको सम्मुख जानकर भय से चलते हैं।

इन दो वाक्यांशों का अर्थ एक ही बात से है।

न उसकी जीवनरूपी छाया लम्बी होने पाएगी

"परमेश्‍वर उसके जीवन को लम्बा नहीं करेंगे"

उसकी जीवनरूपी छाया।

इसका अर्थ हैं कि लेखक दुष्ट मनुष्य के जीवन की लंबाई की तुलना एक छाया से करता है।