hi_tn/ecc/07/23.md

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यह सब मैंने जाँच लिया है।

"यह सब जो मैंने पहले ही लिखा है क्या मैंने साबित किया है"

यह मुझसे दूर रहा।

यह समझना मेरी क्षमता से परे था।

जो दूर और अत्यन्त गहरा है।

बुद्धि को समझ पाना मुश्किल था। जब समझ थी, बहुत सीमित थी। अर्थात् यह लेखक की तुलना में अधिक गहन अंतर्दृष्टि प्राप्त करने में सक्षम था और यह समझने में मुश्किल है।

उसका भेद कौन पा सकता है?

लेखक इस प्रश्न का उपयोग ज्ञान को समझने में कठिनाई पर जोर देने के लिए करता है अर्थात् कोई भी इसे समझ नहीं सकता है।

मैंने अपना मन लगाया।

यहाँ "दिल" शब्द दिमाग को दर्शाता है अर्थात् मैंने अपने मन के विचार बदल दिऐ।