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उस मनुष्य से अधिक चैन मिला।

नव जन्मे बच्चे को कभी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ा, वह आराम से रहा। जबकि संतुष्टि के बिना कई वर्षों तक जीवित रहने वाले अर्थ में आराम का अभाव होता है।

हाँ चाहे वह दो हजार वर्ष जीवित रहे।

यह दिखाने के लिए एक अतिशयोक्ति है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई मनुष्य जीवन में कितनी अच्छी चीजों का आनंद नहीं लेता है।

दो हजार वर्ष ।

"2,000 वर्ष"

और कुछ सुख भोगने न पाए,।

यह वह बिंदु है, जो मनुष्य को उन अच्छी चीजों का आनंद लेने के लिए सीखने की जरूरत है अर्थात् जो जीवन उसे प्रदान करता है।