hi_tn/ecc/06/03.md

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किसी पुरुष के सौ पुत्र हों।

"पिता 100 बच्चे"

बहुत वर्ष जीवित रहे और उसकी आयु बढ़ जाए, परन्तु न उसका प्राण प्रसन्‍न रहे ।

इन दो वाक्या का अर्थ एक ही बात से है।

न उसकी अन्तिम क्रिया की जाए।, परन्तु न उसका प्राण प्रसन्‍न रहे

"वह अच्छी चीजों से संतुष्ट नहीं है"

न उसकी अन्तिम क्रिया की जाए।

संभावित अर्थ हैं कोई भी उसे दफन नहीं करता है।

वह व्यर्थ ही आया ।

"ऐसा बच्चा व्‍यार्थ पैदा हुवा है"

अंधेरे में चला गया

यहाँ शब्द "अंधेरेर" या तो मृतकों की दुनिया को या ऐसी चीज़ को दर्शाती है अर्थात् जिसे समझना मुश्किल हैऔर अत में “वह बेवजह मर जाता है।“

उसका नाम भी अंधेरे में छिप गया।

"इसका नाम कोई नहीं जानता"