hi_tn/ecc/05/08.md

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निर्धनों पर अंधेर और न्याय और धर्म को बिगड़ता।

लोग गरीबों पर अत्याचार करते हैं अर्थात् उन्हें लूटते हैं।

जिसे इन बातों की सुधि रहती है।

शब्द "बस" और "सही" का अर्थ एक ही से बात है अर्थात् उस तरह के व्‍यावहार को दर्शाते है जिसके लोग हकदार हैं।

तो इससे चकित न होना।

"आश्चर्यचकित न हों"

एक अधिकारी से बड़ा दूसरा रहता है।

शकतीशाली लोग हैं।

उनसे भी और अधिक बड़े रहते हैं।

“अन्य पुरुष हैं जो करनी से जयादा अधिकारित है”

भूमि की उपज सब के लिये है।

वह भूमि जो पैदा करता है।