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मनुष्य का प्राण ऊपर की ओर चढ़ता है ... जाकर मिट्टी में मिल जाता है?

लेखक यह दावा कर रहा है कि जानवरों में आत्मा होती है अर्थात् “कोई नहीं जानता कि क्या आत्मा ... पृथ्वी में।“

इससे अधिक कुछ अच्छा नहीं कि मनुष्य अपने कामों में आनन्दित रहे।

लेखक किसी के काम का आनंद लेने के अभ्यास पर जोर दे रहा है, न कि किसी के काम का आनंद लेने के तरीके के बारे में बौद्धिक ज्ञान।

कौन उसके पीछे ...उसको लौटा लाएगा?

मृतकों में से किसी मनुष्य या जानवर को किसी ने नहीं उठाया अर्थात् “कोई भी नहीं ला सकता ... उसके बाद।