hi_tn/ecc/02/26.md

1.1 KiB

वह उसको देने के लिये संचय करके ढेर लगाए जो परमेश्‍वर की दृष्टि में अच्छा हो।

शब्द "वह" या तो परमेश्‍वर को या पापी को दर्शाते है। शब्द "यह" यह दर्शाता है कि पापी ने क्या इकट्ठा किया है और संग्रहीत किया ताकि जो परमेश्‍वर को प्रसन्न करे वह उसके पास हो। “जो प्रमेशवर को खुश करता है उसके पास हो”

यह भी व्यर्थ और वायु को पकड़ना है।

"अस्थायी" या "बेकार"। लोग जो करते हैं वह वाष्प की तरह होता है क्योंकि यह टिकता नहीं है और बेकार होता है।