hi_tn/deu/32/28.md

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सामान्य जानकारी

मुसा इस्राएलियों के लिए एक काव्यात्मक गीत बोलता है। वह यहोवा के शब्दों को प्रस्तुत करना जारी रखता है।

भला होता कि ये बुद्धिमान होते, कि इसको समझ लेते, और अपने अन्त का विचार करते

मुसा कुछ निवेदन करता है कि वह जो इच्छा थी सच थी, परन्तु वह जनता है कि वे लोग बुद्धिमान नहीं है नहीं समझते कि उनकी अनाज्ञाकारीता यहोवा की ऒर से विपत्ति का कारण बने गी।

अपने अन्त

उनके साथ क्या होने जा रहा है।